पिरान कलियर

हाजी शादाब शम्स के निर्देशन में उर्स मुबारक में सर्व धर्म की पहली मिशाल, सूफी संत नाइट का शो के आयोजन में देखने को मिला

जावेद अंसारी पिरान कलियर प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(जावेद अंसारी) पिरान कलियर। विश्व प्रसिद्ध सूफी संत हज़रत मखदूम साबिर पाक के 755 वे उर्स मेले की शुरुआत पिरान कलियर साबरी जर्मन हेंगर में इतिहास में पहली बार सर्वधर्म सद्भवना सम्मेलन के साथ हुई। जिसमें हर धर्म, हर वर्ग, हर पार्टी और हर विचारधारा के लोगो ने भारी संख्या में भाग लिया। इस सम्मेलन का शुभारंभ कलियर में पहली बार राष्ट्रीय गान जन गण मन और तिलावत ऐ कुरआन के साथ की। कार्यक्रम की अध्यक्षता उत्तराखण्ड वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स ने की। जबकि कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भाजपा अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी मुख्य अतिथि के रूप में शरीक हुए। कार्यक्रम “एक शाम साबिर बाबा के नाम” सूफी संगीत का ऐसा अदभुत कार्यक्रम रहा, जिसमे श्रोता देर रात तक मस्त रहे। वक़्फ़ बोर्ड अध्यक्ष हाजी शादाब शम्स के संयोजन में पहली बार देश के सूफी गायकी व फ़िल्म जगत से जुड़े कलाकारों ने भाग लेकर अपनी प्रस्तुति दी। वक़्फ़ बोर्ड के सीईओ एसएस उस्मान ने सभी साबरी मेहमानों का स्वागत किया। विख्यात फ़िल्म डारेक्टर, लेखक व मुस्लिम विचारक जिन्होंने सामवेद का हिंदी और उर्दू में अनुवाद किया है, सम्मेलन में विशिष्ठ अतिथि के रूप में भाग लेकर कहा कि मेरे लिए ये सौभाग्य की बात है कि उत्तराखंड की धामी सरकार की ओर से साबिर पाक की पवित्र और सौहार्द की धरती पर मुझे आमंत्रित कर सम्मान दिया जो मेरे लिए सबसे बड़ा अवार्ड है। सम्मेलन के मुख्य अतिथि भाजपा के अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय अध्यक्ष जमाल सिद्दीकी ने कहा कि इस उर्स के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सद्भवना चादर भेजी है और देश की तरक्की, खुश हाली औऱ सबका साथ सबका विकास की भावना पेश करते हुए विश्व शान्ति और मानव कल्याण की प्रार्थना की है। सम्मेलन के अतिविशिष्ट अतिथि जीवन दीप आश्रम के पीठाधीश्वर व श्री दशनाम जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर स्वामी यतिंदरानन्द गिरी महाराज और भारत माता मंदिर हरिद्वार के महामंडलेश्वर स्वामी ललितानन्द गिरि महाराज ने कहा कि सनातन धर्म सभी धर्मों का आदर और सम्मान करता है, हमारे धर्म मे सर्वधर्म समभाव और वसुधैव कुटुंकम का संदेश सदियों से देता रहा है, और ऐसी ही अपेक्षा दूसरे धर्मों से भी करता है। यही उन्नति और कल्याण का मार्ग है। रुड़की कैथोलिक चर्च के ईसाई धर्मगुरु फादर एस के मसीह, हरिद्वार सिख समाज के प्रतिनिधि सरदार गुरविंदर सिंह अरोरा रिंकल, कर्नल एस कोहली, अजमेर के गद्दी नशीन मोहसिन चिश्ती, कलियर के सज्जादा परिवार के शाह यावर मिया साबरी, शाह ग़ाज़ी मियां, सीकरी शरीफ के अदील मियां लतीफी, बरेली दरगाह सयैद नासिरी के नायब सज्जादा शाह सलमान नासिरी, बाबा जीलानी का खलीफा व पानीपत दरगाह के ख़ादिम सयैद मेराज हुसैन साबरी, उत्तराखंड अल्पसंख्यक आयोग के उपाध्यक्ष नवाब मज़हर नईम, हज कमेटी के अध्यक्ष हाजी खतीब अहमद, कांग्रेस नेता सलीम अहमद, बसपा नेता राजकुमार, उत्तराखंड वक़्फ़ बोर्ड के सदस्य व दरगाह निगरानी कमेटी के मेम्बर डॉ हसन नूरी, इक़बाल अहमद, अनीस अहमद, अनीस कसार, गुलफ़ाम शेख, खालिद मंसूरी, हाजी सलीम, बेहरोज़ आलम, सलमान फरीदी, अनिल शर्मा, हुश्शाम फेमस, नोशाद अली, रईस अल्वी, मुस्तफा त्यागी,अहमद कादरी राव सिकन्दर, आदि मौजूद रहे। संचालनअफ़ज़ल मंगलोरी,नईम सिद्दीकी व परवेज़ ग़ाज़ी पत्रकार ने संयुक्त रूप से किया। सम्मेलन का मुख्य आकर्षण बम्बई से आये प्रसिद्ध सूफी क़व्वाल व सूफ़ी गायक सलमान हुसैन की प्रस्तुति अल्लाहु, मेरा साबिर पिया रखवाला, मेरा भारत महान, ए वतन तेरे लिए, दमदम अली अली, की कव्वली व विख्यात हास्य कलाकार अमजद खान नो दो ग्यारह की प्रस्तुति रही जिनको श्रोताओं ने की गूंज के साथ बार बार सुना। वक़्फ़ बोर्ड के अध्यक्ष हाजी शादाब शम्स व उत्तराखण्ड हज कमेटी के अध्यक्ष हाजी खतीब अहमद ने अतिथियों व कलाकारों का सम्मान व स्वागत किया।

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