रुड़की

इस बार लगेगी हैट्रिक या फिर बदलेंगे कलियर विधानसभा के समीकरण?

इमरान देशभक्त रुड़की प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(इमरान देशभक्त) रुड़की। उत्तराखंड राज्य निर्माण को 21 वर्ष पूरे हो चुके हैं, तो पांचवी विधानसभा गठन के लिए प्रदेश में चुनाव का बिगुल बज चुका है। पिछले चार विधानसभा चुनाव में दो बार कांग्रेस तो दो बार भाजपा ने इस राज्य में अपनी-अपनी सरकारों का नेतृत्व किया। कलियर विधानसभा का अस्तित्व दस वर्ष पूर्व विधानसभा के रूप में आया और यहां से कांग्रेस पार्टी के हाजी फुरकान अहमद दो बार से लगातार विधायक के रुप में इस विधानसभा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। तीसरी बार हैट्रिक लगाने के लिए उन्होंने अपने विधानसभा क्षेत्र में विकास कार्य के आधार पर क्षेत्र में अपनी सक्रियता बढ़ा रखी है और पक्ष-विपक्ष के दस वर्षों की उपलब्धियों को लेकर वे कलियर विधानसभा की जनता से रूबरू हो अपने लिए समर्थन मांग रहे हैं। कांग्रेस से सीटिंग विधायक के चलते उनका टिकट तो पक्का माना ही जा रहा है, तो उनके मुकाबले फिलहाल कोई मजबूत कांग्रेस टिकट का दावेदार इस विधानसभा में नहीं है, वहीं भारतीय जनता पार्टी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सबका साथ, सबका विकास के सहारे इस बार कलियर विधानसभा पर भाजपा की जीत का आधार मान आगे बढ़ रही है, वैसे तो कलियर विधानसभा सीट पर भाजपा के आधा दर्जन से अधिक पार्टी के टिकट की दावेदार हैं, किंतु इसमें अधिकतर सैनी समाज के पार्टी के सिंबल पर चुनाव लड़ने के लिए दिन-रात जहां क्षेत्र की जनता के बीच सक्रिय हैं, तो वहीं पार्टी का सिंबल पाने के लिए दिन-रात ऐडी चोटी का जोर लगा रहे हैं। इस बार इस सीट पर भाजपा का कब्जा हो, इसका दावा तो इनके द्वारा किया ही जा रहा है, वहीं आम आदमी पार्टी भी कलियर विधानसभा सीट पर पूरे जोर-शोर से अपना प्रदर्शन कर चुनावी दंगल में कूद पडी है, जिसकी ओर से इंजीनियर शादाब आलम को पार्टी उम्मीदवार घोषित कर चुकी है, उनकी लगातार राजनीतिक सरगर्मियां कलियर विधानसभा क्षेत्र में जारी हैं और वह इस विधानसभा के प्रत्येक गांव-मोहल्ले में जाकर जहां दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विकास और दिल्ली मॉडल की तर्ज पर युवाओं को नौकरी और रोजगार देने का हवाला देकर इस विधान क्षेत्र में अपना दावा पेश कर रहे हैं, उससे कलियर विधानसभा में आम आदमी पार्टी (आप) का वर्चस्व बढ़ रहा है। बहुजन समाज पार्टी (बसपा) जो उत्तराखंड गठन के बाद से लगातार हुऐ दो विधानसभा चुनाव में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रही, आज उस पार्टी का कलियर विधानसभा में में ही नहीं बल्कि प्रदेश में अस्तित्व ही समाप्ती की ओर है। इस बार भी यहां पर बसपा ने पिछली गलती को दोहरहया है। बसपा ने यूपी से सैनी समाज के सुरेंद्र सैनी को लाकर कलियर विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, जो कलियर की जनता के लिए अनजान है तो वहीं बसपा में उनके टिकट को बदलने की आवाज भी उठ रही है। निवर्तमान कांग्रेस विधायक हाजी फुरकान अहमद के पैतृक गांव रामपुर के प्रधान रहे अब्दुल वहीद उर्फ भूरा प्रधान, जिनके नाम की चर्चा बसपा में टिकट दिए जाने की आ रही है। सूत्र बताते हैं कि यदि उनका टिकट हो जाता है तो कलियर के समीकरण बदल जाएं ये कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी, वहीं एआईएमआईएम-मजलिस की भी उत्तराखंड में एंट्री तक हो चुकी है। मजलिस के प्रमुख व सांसद बैरिस्टर असदुद्दीन ओवैसी विगत दिनों कलियर स्थित दरगाह साबिर पाक में हाजिरी देकर पार्टी के चुनाव लड़ने का संकेत दे चुके हैं। मजलिस के प्रदेशाध्यक्ष डॉ. नैयर काजमी ने कई वर्षों से इसकी बागडोर उत्तराखंड प्रदेश में अपने हाथों में ले रखी है। वह लगातार मजलिस को मजबूत करने का काम कर रहे हैं। प्रदेश की सभी विधानसभाओं और जिलों में बूथ स्तर तक गठन कर पार्टी को मजबूत करने में लगे हुए हैं। डॉ नैयर काजमी एक अच्छे वक्ता तथा मुस्लिम विद्वान के रूप में भी क्षेत्र में अपनी पहचान रखते हैं, ऐसे में कलियर से डॉ काजमी स्वयं चुनाव लड़े या कोई मजबूत प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतारें, इससे भी इन्कार नहीं किया जा सकता। समाजवादी पार्टी की उत्तराखंड राज्य गठन के बाद हरिद्वार लोकसभा चुनाव में धमाकेदार जीत हुई थी, लेकिन पार्टी पिछले बीस वर्षों में प्रदेश में किसी भी विधानसभा में अपना अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई पाई। कलियर में इस बार समाजवादी पार्टी किसी मजबूत प्रत्याशी कि तलाश है, इसके लिए मंथन हो चुका है।समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शेख अहमद जमां हाल ही में पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष का रुड़की में कार्यकर्ताओं के साथ विधानसभा चुनाव की रणनीति पर मंथन कर चुके हैं, ऐसे में देखना यह है कि कलियर विधानसभा में कांग्रेस के निवर्तमान विधायक हाजी फुरकान अहमद अपनी हैट्रिक बना पाएंगे या फिर यहां के समीकरण बदले हुए नजर आएंगे, यह तो आने वाली 14 फरवरी को ही तय हो पाएगा।कुल मिलाकर इस मुस्लिम बाहुल्य सीट पिरान कलियर विधानसभा पर इस बार घमासान के आसार हैं और मुकाबला एकतरफा ना होकर चतुर्थकोणीय मुकाबले के आसार नजर आ रहे हैं।जीत का सेहरा किसके सिर बधेंगा, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा?

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