हरिद्वार

शांतिकुंज की तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कला उत्सव का शुभारंभ

शुचिता व अनुशासन के साथ अपना सर्वश्रेष्ठ दें: के०के गुप्ता

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(नीटू कुमार) हरिद्वार। गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में तीन दिवसीय राज्य स्तरीय कला उत्सव का दीप प्रज्वलन के साथ शुभारंभ हुआ। इस उत्सव में हरिद्वार, देहरादून, पिथौरागढ़, उत्तरकाशी सहित उत्तराखण्ड के सभी तेरह जिलों के 248 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं। यह आयोजन समग्र शिक्षा उत्तराखण्ड के तत्त्वावधान में आयोजित हो रहा है। अपने संदेश में अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुखद्वय श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि विद्यार्थी जीवन भविष्य को संवारने का सुनहरा अवसर है। इस समय अपने शैक्षणिक पाठ्यक्रम के साथ उत्सव, प्रतियोगिता में प्रतिभाग करते हुए अपने कौशल, हुनर, ज्ञान को परिमार्जित करना चाहिए। शांतिकुंज में आयोजित कला उत्सव आप सभी के जीवन में प्रगति का संदेश लेकर आया है। गायत्री विद्यापीठ की व्यवस्था मंडल प्रमुख श्रीमती शेफाली पण्ड्या ने भी कला उत्सव की सफलता हेतु अपनी शुभकामनाएँ दी। उत्सव के उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि मुख्य शिक्षाधिकारी के के गुप्ता ने कहा कि उत्तराखण्ड आध्यात्मिक भूमि है। शांतिकुंज के कण-कण में आध्यात्मिक ऊर्जा समाया हुआ है। उन्होंने कहा कि शुचिता व अनुशासन का पालन करते हुए अपनी प्रतिभा का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करें, आप अवश्य सफल होंगे। गायत्री विद्यापीठ के प्रधानाचार्य श्री सीताराम सिन्हा ने कहा कि कला उत्सव में उत्साह के साथ भागीदारी करें। आपकी लगन व मेहनत सफलता के द्वार खोलेगा। विद्यार्थियों का आवाहन करते हुए उन्होंने कहा कि दुर्व्यसन तन, मन, धन सभी को खोखला कर देता है। तीन दिवसीय इस राज्य स्तरीय कला उत्सव में उत्तराखण्ड के सभी जिलों के 248 विद्यार्थी शास्त्रीय संगीत, गढ़वाली संगीत-नृत्य, कुमाँउनी संगीत-नृत्य, चित्रकला, नाटक, उत्तराखण्ड की पारंपरिक गीत सहित दस विधाओं में अपने कौशल व हुनर का प्रदर्शन करेंगे। तो वहीं इस प्रतियोगिता में संगीत विधा के विशेषज्ञगण राजकुमार वैष्णव, ओंकार पाटीदार, संतोष नामदेव, टीकेश्वर बिसेन निर्णायक होंगे। उद्घाटन सत्र का संचालन प्रद्मुम्न रावत, सहायक राज्य परियोजना निदेशक उत्तराखण्ड ने किया। इस अवसर पर सुधीर उनियाल-जिला समन्वयक हरिद्वार, संजय गर्ग-प्रधानाचार्य वीडी इंटर कॉलेज भगवानपुर सहित राज्य के समस्त राजकीय, अशासकीय एवं मान्यता प्राप्त निजी माध्यमिक विद्यालयों के विद्यार्थी, शिक्षक एवं अभिभावक गण उपस्थित रहे।

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