
हरिद्वार की गूंज (24*7)
(मोहम्मद आरिफ) हरिद्वार। अपने लिए तो सब जीते हैं लेकिन बस वही जीते हैं, जो दूसरों के लिए जीते हैं। यह कहावत उन लोगों पर सटीक बैठती है जो दूसरों की सेवा के लिए हर समय तत्पर रहते हैं। चाहे वह इंसानों की सेवा कर रहे हो, या जीव जंतुओं की। वही जानवरों के प्रति समर्पित भाव का ऐसा ही मामला शिवालिक नगर का सामने आया है। जहां निधि सेन का परिवार लगभग 15, 16 वर्षों से कुत्तों की सेवा में लगा है। जो भी कुत्ता उनको जख्मी नजर आता, उसे घर लाकर उसका इलाज किया जाता है। इतना ही नहीं आए दिन शिवालिक नगर क्षेत्र में भूखे कुत्तों को खाना भी खिलाया जाता है। और इस पुण्य कार्य में निधि सेन परिवार के साथ कुछ युवा भी जुड़े हैं। जो जानवरों के प्रति प्रेम भाव रखते हैं और उनकी सेवा में लगे रहते हैं। लेकिन दुर्भाग्यपूर्ण पुण्य कार्य में लगे इस परिवार को प्रताड़ित करने से भी कुछ लोग पीछे नहीं है। आपको बता दे कि कुछ दिन पहले निधि सेन परिवार द्वारा पाले गए कुत्ते को कुछ लोग जाल से पकड़ कर और बोरे में भरकर कहीं जंगल में छोड़ आए थे। तभी से यह परिवार दिन रात उसकी खोज में लगा था। आए दिन घर से निकलना और उस कुत्ते को ढूंढना था और इस कार्य में निधि सेन परिवार के साथ कुछ युवा भी लगे हुए थे। जो निधि सेन परिवार के साथ कदम से कदम मिलाकर कुत्तों की सेवा करते हैं। जो दिन रात तलाश करने के बाद वह कुत्ता जंगल से उन्हें मिला है।वही निधि सेन का कहना है कि यह कुत्ता छोटा था जब से हमने पाल रखा है और एक्सीडेंट में इसके पैर जख्मी हो गए थे। जिनका लगातार उपचार चल रहा था। आज भी वह सही तरीके से नहीं चल पाता है। इस कुत्ते के पैरों में चोट लगी हुई है। उन्होंने शासन प्रशासन से मांग करते हुए जानवरों के प्रति क्रूरता रखने वाले व्यक्तियों के विरुद्ध सख्त से सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। हालांकि निधि सेन ने जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक और जिला अधिकारी को लिखित शिकायत भी की है। जिससे जानवरों के प्रति बढ़ती क्रूरता को रोका जा सके। आपको यह भी बता दे कि शिवालिक नगर का कुत्तों के प्रति क्रूरता भरा एक वीडियो वायरल भी हो रहा है। इसमें कुत्तों को निर्दई होकर उनको जाल से पकड़ कर बोरों में भरा जा रहा है। जिसकी चारों ओर निंदा हो रही है। जिले में बैठे उच्चधिकारियों को इस ओर गंभीरता से विचार करने की आवश्यकता है और जो भी इस क्रूरता भरे कार्य में लिप्त है उनकी जांच करा कर उन पर सख्त कार्रवाई करने की आवश्यकता है। जिससे जानवरों पर हो रहे अत्याचारों को रोका जा सके।