रुड़की

कलियर उर्स/मेले में फैली अव्यवस्थाओं पर भड़के कांग्रेसी

आधी-अधूरी व्यवस्थाओं के चलते उर्स का हुआ आगाज: हाजी नौशाद अली

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(इमरान देशभक्त/जावेद अंसारी) रुड़की/पिरान कलियर। कानूनगोयान स्थित कैंप कार्यालय पर बैठक के दौरान कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के वरिष्ठ प्रदेश उपाध्यक्ष हाजी नौशाद अली ने कलियर दरगाह दफ्तर, राज्य सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आधी-अधूरी तैयारी के साथ सालाना उर्स का आगाज हुआ है, जो कि बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है।हाजी नौशाद अली ने कहा कि प्रतिवर्ष दरगाह साबिर पाक के सालाना उर्स पर लाखों की तादाद में अकीदतमंद/जायरीन अपनी मन्नतें मांगने के लिए देश-विदेश से आते हैं और ईद मिलादुन्नबी के खास अवसर पर खास दुआ में शिरकत करते हैं, किन्तु वार्षिक उर्स/मेले की आधी-अधूरी व्यवस्था के चलते जायरीन को इस बार अव्यवस्थाओं से जूझना पड़ रहा है।रुड़की से लेकर कलियर पीपल चौक तक रोड की हालत इतनी खराब है कि वाहन चालक हिचकोले लेकर चलने पर मजबूर हैं और जायरीन को काफी आने-जाने में दिक्कतें हो रही हैं, यही नहीं बल्कि प्रशासन द्वारा जो अस्थाई शौचालय मुख्य मार्ग के किनारे पर रखे गये हैं वह भी ठीक नहीं है, इससे आने जाने वाले राहगीरों को काफी बदबू/दुर्गंध आ रही है और बीमारी फैलने की भी आशंका बनी हुई है, ऐसे में इन अस्थाई शौचालयों को मुख्य मार्ग से अलग हटकर इनकी व्यवस्था की जानी चाहिये।इतना ही नहीं बल्कि बिजली, पानी की व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं है।बाहर से आने वाले जायरीन को वजू करने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।हाजी नौशाद अली ने कहा कि पुलिस प्रशासन की ओर से मेले की व्यवस्था सुचारु एवं सुरक्षित करने के लिए चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल तैनात किया गया है।सभी संदिग्ध व असामाजिक तत्वों पर सीसीटीवी कैमरे व पुलिस पीकेट बनाकर नजर रखी जा रही है, जिस तरीके से जनपद की मित्र पुलिस की तैयारी अच्छी दिखाई दे रही है, उसी तरह दरगाह दफ्तर व मेला प्रशासन को भी अपनी व्यवस्थाएं दुरुस्त करनी चाहिये, वहीं हाजी नौशाद अली ने राज्य सरकार से अपील की है कि साबिर पाक के उर्स/मेले को जल्द से जल्द राज्य मेला घोषित किया जाये। उन्होंने कहा कि राज्य बने हुए लगभग तेईस साल होने वाले हैं।विश्व प्रसिद्ध दरगाह साबिर पाक,जो हजारों बरसों पुरानी है, ऐसे में राज्य सरकार को साबिर पाक के सालाना उर्स में कड़े कदम उठाने चाहिए और समय रहते हुए सभी सुविधाएं एवं व्यवस्थाएं दुरुस्त की जानी चाहिए। वरिष्ठ समाजसेवी राव परवेज अली ने दरगाह दफ्तर पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रतिवर्ष यहां पर पहले सभी व्यवस्थाएं दुरुस्त की जाती थी, लेकिन मुस्लिम धार्मिक स्थल होने के चलते भाजपा सरकार में इसकी अनदेखी की जा रही है। दरगाह का खुद का बजट होते हुए भी राज्य सरकार जायरीन को सुविधाएं देने में नाकाम साबित हो रही है।राव परवेज ने राज्य सरकार से मांग की है कि विश्व प्रसिद्ध दरगाह पिरान कलियर को पांचवां धाम घोषित किया जाये, जिससे कि यहां सुविधाओं का टोटा ना हो। बैठक के दौरान कांग्रेस ओबीसी मोर्चा के जिला महामंत्री अजमल खान ने भी दरगाह प्रशासन पर प्रहार करते हुए कहा कि जिस तरीके से मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र विधानसभा पिरान कलियर में आयोजित होने वाले वार्षिक मेले की अनदेखी की जा रही है, वह ठीक नहीं है।यहां अव्यवस्थाओं का बोलबाला है।सफाई व्यवस्था चरमाई हुई है।जायरीन के रहने के लिए जो कैंप लाखों रुपये की लागत से लगाये गये हैं, बारिश के चलते वह भी टपक रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि दरगाह प्रशासन भी दरगाह के पैसे को ठिकाने लगाने के चक्कर में लगा रहता है, जिसे कांग्रेस आगे कतई बर्दाश्त नहीं करेगी।इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष पिरान कलियर कांग्रेस के युवा नेता एवं कलियर विधानसभा उपाध्यक्ष पंडित भानु प्रताप ने कहा कि वक्फ बोर्ड अध्यक्ष सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने जा रहे हैं, जिससे सांस्कृतिक कार्यक्रमों की आड़ में दरगाह के पैसे को ठिकाने लगाया जा सके,अगर ऐसा किया गया तो कांग्रेसी इसे बिल्कुल भी होने नहीं देंगे। क्षेत्रीय विधायक हाजी फुरकान अहमद के साथ मिलकर इसका कड़ा विरोध किया जाएगा, अगर जरुरत पड़ी तो विधायक हाजी फुरकान अहमद द्वारा उक्त मुद्दे को विधानसभा में भी सबके सामने रखा जाएगा।पंडित भानु प्रताप ने कहा कि दरगाह की मस्जिद व महफिलखाने के बेसमेंट में जहां पर लाखों रुपये की दरगाह पर चढ़ने वाली चादरें रखी जाती हैं, बारिश का पानी महीनों से भरा हुआ है, जिसके कारण बहुत बदबू फैली हुई है। डेंगू के फैलने का खतरा भी उत्पन्न हो रहा है।गदंगी के प्रति जायरीन में काफी रोष है। इस अवसर पर कांग्रेस कार्यकर्ता आमिर अहमद, वाहिद गौड, शाहिद खान, महफूज उर्फ चांद माहीगिर, शौकत अली, महराज,मुहम्मद दानिश, शम्सुद्दीन, अथहर अब्बास जैदी, जुबैर शम्सी, अब्दुल वाहिद खान, इरशाद आदि अकीदतमंद लोग मौजूद रहे।

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