हरिद्वार

ब्रह्माकुमारीज ने किया शांति व सदभावना के लिए आध्यात्म, मीडिया की भूमिका पर सेमिनार

सोशल मीडिया पर स्वनियंत्रण की आवश्यकता है: आदेश चौहान

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(गगन शर्मा) हरिद्वार। ब्रह्माकुमारीज ऋषिकुल हरिद्वार में मीडिया सेमिनार एवं सम्मान समारोह आयोजित किया गया,जिसमे शांति व सदभावना के लिए आध्यात्म-मीडिया की भूमिका पर चर्चा की गई।ब्रह्माकुमारीज की हरिद्वार सेवा केंद्र प्रभारी बीके मीना दीदी की अध्यक्षता में आयोजित सेमिनार में मुख्य अतिथि रानीपुर विधायक आदेश कुमार चौहान ने कहा कि देश-दुनिया मे हिंसा, अपराध रुक सकते है, अगर पत्रकारिता पूर्वाग्रहों से ग्रसित न हो। उन्होंने ब्रह्माकुमारीज को विश्व मे शांति व सदभाव की अंतरराष्ट्रीय संस्था बताते हुए कहा कि उन्होंने भी डेढ़ दशक पत्रकारिता को दिए है, लेकिन उस समय की पत्रकारिता व आज की पत्रकारिता में व्यापक बदलाव आया है, जिसमे सोशल मीडिया पर स्वनियंत्रण की आवश्यकता है। माउन्ट आबू से आई मिडिया विंग की कार्यकारी सदस्य बीके वैशाली बहन ने पत्रकारों को व्यवहारिक सकारात्मक पत्रकारिता के लिए प्रेरित किया।वही माउंट आबू से आए ब्रह्माकुमारीज मिडिया विंग के राष्ट्रीय संयोजक बीके शांतनु ने कहा कि हमे सकारात्मक सोचना है और देश दुनिया मे शांति व सदभाव के लिए कलम चलानी है,तभी लोकतंत्र का यह चौथा स्तम्भ शेष अन्य तीन स्तम्भो को मार्गदर्शित कर सकता है।उन्होंने जानकारी दी कि ब्रह्माकुमारीज तनाव रहित पत्रकारिता के लिए मीडिया को तैयार करने में जुटी है। मुख्य वक्ता विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ के प्रति कुलपति डॉ श्रीगोपाल नारसन ने कहा कि पत्रकार भी एक जिम्मेदार नागरिक है, इसलिए उन्हें ऐसी खबर परोसनी चाहिए जो शांति व सदभाव कायम करती हो। चंडीगढ़ से आए वरिष्ठ पत्रकार अरुण नैथानी ने कहा कि पत्रकारिता का देश की आजादी में बड़ा योगदान रहा है दैनिक ट्रिब्यून उसका एक बड़ा उदहारण है। उन्होंने भी विषय के पक्ष में अपने विचार व्यक्त किए। देहरादून के वरिष्ठ पत्रकार कुंवर राज आस्थाना ने यूक्रेन व फिलिस्तीन युद्ध का जिक्र करते हुए कहा कि वहां से जो मीडिया परोस रहा है, उसी पर हम यकीन कर रहे है। उन्होंने मीडिया की विकासात्मक भूमिका की जरूरत बताई।वरिष्ठ पत्रकार चन्द्र किरण वर्मा ने भी पत्रकारों के राष्ट्र के प्रति योगदान पर चर्चा की।राजयोगिनी बीके मीना दीदी ने सभी को राजयोग का अभ्यास कराकर पत्रकारों को आध्यात्म से जुड़ने के लिए प्रेरित किया। राजयोगी बीके सुशील भाई के कुशल संचालन में सभी अतिथियों व मौजूद पत्रकारों का शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।सेमिनार में यह भी चर्चा हुई कि जान जोखिम में डालकर सच सामने लाने वाले पत्रकारों को अपने काम के दौरान तनाव के दौर से गुजरना पड़ता है,वही नकारात्मक खबरों का प्रभाव भी पत्रकारों की निजी जिंदगी पर पड़ता है,जिस कारण कई बार वे अवसाद तक का शिकार हो जाते है। वरिष्ठ पत्रकार लेखिका डॉ राधिका नागरथ ने कहा कि अध्यात्म जीवन की सभी समस्याओं का समाधान है यदि पत्रकार अपने को अध्यात्म से जोड़ें तो वह कई समस्याओं से निजात पा सकते हैं वरिष्ठ पत्रकार डॉ शिवा अग्रवाल, संदीप रावत आदि ने भी अपने विचार रखें।।पत्रकारों की समस्याओं के समाधान के लिए ब्रह्माकुमारीज संस्था उत्तराखंड में जगह जगह पत्रकारों को तनाव मुक्ति के गुर सिखाने का अभियान चला रही है।जिसके तहत कल 5 नवंबर रविवार को सुबह साढ़े दस बजे ‘सकारात्मक परिवर्तन के लिए जागरूक मीडिया’ विषय पर मीडिया सेमिनार एवं सम्मान समारोह ब्रह्माकुमारीज सेवा केंद्र महावीर एनक्लेव रुड़की में केंद्र प्रभारी बीके गीता दीदी के मार्गदर्शन में आयोजित किया जा रहा है।

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