हरिद्वार

चिंता के स्तर को कम करके सामाजिक संतुलन स्थापित करता है खेल: डॉ० शिवकुमार चौहान

कुलदीप राय उत्तराखंड प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(कुलदीप राय) हरिद्वार। रोजमर्रा के जीवन के तनाव तथा असन्तुलन को दूर करने की सरल युक्ति खेल है। खेलो को नजदीक से समझाने के लिए खेल के मनोविज्ञान को जानना जरूरी है। जीवन की जरूरतों को पूरा करने के कारण व्यवहार मे तनाव तथा सन्तुलन बनता एवं बिगडता रहता है। जिसे नियत्रिंत करना आवश्यक होता है अन्यथा यह मानसिक विकार उत्पन्न करता है। मनोविज्ञान व्यवहार के प्रभाव की जानकारी का सशक्त माध्यम है। गुरूकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग के एसोशियेट प्रोफेसर डॉ० शिवकुमार चौहान ने बी०पी०एड छात्रों के ऑन-लाईन व्याख्यान मे यह बात कही। मनो-सामाजिक व्यवहार का जीवन पर प्रभाव विषय पर आज ऑन-लाईन छात्रों को प्रेरित करते हुये डॉ० चौहान ने कहॉ कि समाज के दायित्वों का निर्वहन करते हुये व्यक्ति को खुशी तथा गम दोनो की अनुभूति होती है। यह अनुभव अधिक समय तक जीवन मे बना रहना हानिकारक तथा चिन्तन को प्रभावित कर चिन्ता के स्तर को बढाता है। खेल, चिन्ता के स्तर को कम करके सामाजिक सन्तुलन स्थापित करने मे मदद करता है। व्याख्यान मे बी०पी०एड के छात्र एवं कई शिक्षक उपस्थित रहे।

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