हरिद्वार

वरिष्ठ नागरिकों का दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन शुरू

देश भर से 115 वरिष्ठ नागरिकों ने सम्मेलन में हुए सम्मिलित

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(नीटू कुमार) हरिद्वार। वरिष्ठ नागरिकों की राष्ट्रीय संस्था शहज़ार होम्स (शीतल छाया) की हरिद्वार शाखा ने 2 दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन आज बुधवार को हरिद्वार के सिडकुल स्थित एक स्थानीय होटल में आयोजन किया, जिसमें देश के विभिन्न राज्यों से 115 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। जिसमें देश भर कई जाने-माने बुद्धिजीवी, वैज्ञानिक, इंजीनियर और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए, सम्मेलन का शुभारंभ अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया।

सम्मेलन का विषय-‘बढ़ती उम्र एक राष्ट्रीय चुनौती और हमारे प्रयास’ पर विभिन्न वक्ताओं ने अपने विचार रखें। दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन के मुख्य वक्ता हेरीटेज होम चेन्नई के संस्थापक डॉक्टर के आर गंगाधरन ने कहा कि आजादी के बाद अब भारत में वरिष्ठ नागरिकों की औसत आयु 60 साल मानी जाती है,जबकि आजादी के समय भारत में मनुष्यों की औसत उम्र 32 वर्ष मानी जाती थी।

उन्होंने कहा कि बढ़ती उम्र की चुनौतियों का सामना करने के लिए व्यक्ति को जीवन में कुछ ना कुछ सीखते रहना चाहिए और समाज के लिए निस्वार्थ भाव से सामाजिक कार्य करते रहने चाहिए। उन्होंने कहा कि उम्र के शुरुआत ढलान तक हमने समाज से बहुत कुछ लिया है,बहुत कुछ सीखा है और 60 साल के बाद हमें समाज को कुछ देना ही चाहिए बल्कि समाज से लेने की बजाय। भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड सेवानिवृत्ति निदेशक एम के मित्तल ने वृद्धावस्था की चुनौतियों का सामना करने के लिए दो बातों पर जोर देते हुए कहा कि हमें दूसरों की खुशी में खुश रहना चाहिए। साथ ही हम किसी को कुछ दे नहीं सकते तो हमें उससे लेने का भी अधिकार नहीं है।

पतंजलि विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ महावीर अग्रवाल ने वृद्धजनों को राजहंस और मृगेंद्र की संज्ञा देते हुए कहा कि वे अब किसी भी बंधन में नहीं है और उन्हें अपने जीवन में हर परिस्थिति को अपने अनुरूप बनाने की कला सीख लेनी चाहिए। उन्होंने संत तुकाराम का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह वह अपनी पत्नी के कठोर स्वभाव को भी सहजता से लेकर प्रसन्न रहते थे इस तरह हर व्यक्ति को जीवन में प्रसन्न रहना चाहिए। शहजार होम्स के मुख्य निदेशक डॉक्टर एपी दास ने कहा कि हमारा उद्देश्य भारत के हर शहर में इस संस्था की स्थापना करना है ताकि वृद्ध जनों का जीवन सुखमय और उमंग वाला रहे।

स्वागत भाषण करते हुए शहजार होम्स के निर्देशक एमके रैना ने कहा कि जीवन में सबसे बड़ी सेवा निष्काम सेवा है। शहजार होम्स के निदेशक सर्वेश कुमार गुप्ता ने संस्था की क्रियाकलापों पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर शहजार होम्स ने सुप्रसिद्ध साहित्यकार अरुण पाठक और नीता नायर द्वारा लिखित शहजार होम्स संस्था के कुल गीत की संस्था के महिला और पुरुष सदस्यों ने एक सामूहिक प्रस्तुति दी। शहजार होम्स के निदेशक सुरेश पालगे ने मंच का संचालन किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथियों का शाॅल और स्मृति चिन्ह भेंटकर अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर संस्था की स्मारिका का विमोचन किया गया। सत्र के अंत में भव्य सांस्कृतिक आयोजन किए गए। जिसका प्रतिभागियों ने लुफ्त उठाया। सांस्कृतिक कार्यक्रम में जाने-माने गायक सुनील चौहान, प्रयागराज से आए पूर्व मुख्य चिकित्सा डॉक्टर पी के सिंहा, ऐके सनाडिया, प्रेम प्रकाश धस्माना, सुमन धस्माना आदि ने अपनी कला से लोगों का मन मोह लिया।

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