हरिद्वार

सरकारी ऑफिसर, जो सभी के जीवन में खुशियां लाने के लिए एक लाइफ कोच

मोहम्मद आरिफ उत्तराखंड क्राइम प्रभारी

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(मोहम्मद आरिफ) हरिद्वार। हर परिवार में कोई ना कोई तो वाहन चलाता ही है और वाहन चलाने के लिए लाइसेंस आदि कागज पूरे होना भी बहुत जरूरी है। जीवन में कई बार आरटीओ ऑफिस के चक्कर लगाने ही पड़ते हैं। कभी लाइसेंस बनवाना है तो कभी रिन्यू करवाना है। और हरिद्वार आरटीओ ऑफिस का नजारा कुछ अलग ही है। क्योंकि वहां के साहेब एआरटीओ हरिद्वार मनीष तिवारी काम के साथ-साथ जीवन जीने की कला लगभग हर व्यक्ति को देते नजर आते हैं। जो भी उनके संपर्क में आता है। उनके लिए कोई ना कोई संदेश उनके जीवन के लिए जरूर होता है। अपनी टीम में और अपने से छोटे काम करने वालों को सहज ही परिवार का हाल-चल पूछते भी नजर आते हैं। यहां तक कि बड़े-बड़े कार के शोरूम वाले भी जब आते हैं उनको भी संयमित होने की नसीहत देते हुए जिंदगी का आनंद उठाने के लिए कहते हैं। पोर्श कार वाला भले ही नाराज हो जाए किंतु वह महिला जिसका बैग कोई चुरा ले गया और वापस जाने के लिए पैसे नहीं है। उसके लिए सब काम छोड़कर रोडवेज में फोन करते हैं। पता करते हैं और उस को घर भेज पाते हैं। टिकट दिला कर। किसी से कहते नजर आते हैं अरे घर में पेंट करा दिया, मकान बदल लिया, गाड़ी बदल ले, यह काम तो चलते रहेंगे, बस खुद को आनंद में जीने की आदत डाल लो। उतना ही करना जितना बहुत जरूरी है। नहीं तो आखरी सांस तक इकट्ठा करते रह जाएंगे। और उसका आनंद नहीं ले पाओगे। खुद की फिटनेस के लिए समय जरूर देना और बहुत ज्यादा अच्छा दिखने और चीजें बदलने में समय मत गवाना। त्योहार पर सब को तो छुट्टी नहीं दी जा सकती काम तो पूरा करना है। पर दो बोल प्यार के उस बोझिल काम को भी आसान कर देते हैं। काश सब सरकारी अफसर इन जैसे होते।

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