हरिद्वार

जिला कारागार रोशनाबाद में श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के तत्वाधान में द्वितीय दिन भी श्रीमद् देवी भागवत कथा का रहा आयोजन

रजत चौहान प्रधान सम्पादक

हरिद्वार की गूंज (24*7)
(रजत चौहान) हरिद्वार। हिंदू नव वर्ष चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के तत्वाधान में जिला कारागार रोशनाबाद जेल हरिद्वार में श्रीमद् देवी भागवत कथा के द्वितीय दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें कथा व्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने कथा का श्रवण कराते हुए भगवान विष्णु के द्वारा मधु कैटभ नामक दैत्यों की उत्पत्ति एवं संघार की कथा का श्रवण कराया। शास्त्री जी ने बताया प्राचीन काल में जब महाप्रलय हो गया केवल जल ही जल शेष रह गया उस जलाशय में भगवान नारायण शेष शैया पर विश्राम कर रहे थे भगवान नारायण के कान की मैल से मधु एवं कैटभ नामक तो देते की उत्पत्ति हुई इन्होंने दस हजार वर्षों तक मां भगवती की कठोर साधना की जिससे मां भगवती प्रसन्न होकर के इनकी इच्छा अनुसार वरदान इनको प्रदान कर देती हैं, वरदान प्राप्त करके ब्रह्मा जी को मारने के लिए दोनों दैत्य चले ब्रह्मा जी अपने प्राणों को बचाने के लिए भगवान नारायण के पास आए भगवान नारायण ने मधु एवं कटक दोनों दैत्यो के साथ पांच हजार वर्षों तक युद्ध किया, परंतु इनको नहीं मार पाए। तब भगवान नारायण ने स्वयं मां भगवती जगदंबा की स्तुति की जिससे प्रसन्न होकर के मां भगवती ने भगवान नारायण को मधु एवं कैटभ के वध का उपाय बताया भगवान नारायण ने मां भगवती के के कहे अनुसार अपनी जंघा के ऊपर ही दोनों का संघार किया। शास्त्री जी ने बताया जो भी नवरात्रि के नौ दिनों में मां भगवती की आराधना उपासना करता है एवं देवी भागवत कथा का श्रवण करता है मां भगवती उसके भीतर काम क्रोध मद लोभ मोह रूपी राक्षसों का संहार कर देती है एवं समस्त मनोकामनाओ को पूर्ण कर देती है। जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने भी अपने उद्बोधन में बताया प्रत्येक व्यक्ति को मां भगवती की आराधना करनी चाहिए और मां से प्रार्थना करनी चाहिए कि हमारे भीतर की बुराइयां दूर हो और हमारे भीतर अच्छे-अच्छे संस्कार उत्पन्न बाकी समाज में मान प्रतिष्ठा हमें प्राप्त हो सके‌। श्री अखंड परशुराम अखाड़ा राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने भी अपने संबोधन में बताया मनुष्य गलत संगति में पड़कर के गलत कार्यों को करता है शराब जुए की लत में पड़कर के गलत कार्यों को करते हुए अनेकों प्रकार की सजा भोगनी पड़ती हैं अगर बंदी गृह में आने से बचाना है तो अपनी बुराइयों को दूर कर अच्छे संगति में रहकर के अच्छे-अच्छे कार्य करने चाहिए। इस अवसर पर डॉक्टर राकेश गैरोला, विष्णु गौड, अश्मित कौशिक, हर्ष पंडित, आशीष शर्मा,सोनू, शशिकांत आदि मौजूद रहे।

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